महापल्ली गांव ने मानवता की पेश की मिशाल, निराश्रित वृद्धा के शव को ग्रामवासियों ने दिया कंधा  

Mohsin Khan
Mohsin Khan 3 Min Read

रायगढ़। रायगढ़ पूर्वी अंचल के सुसंस्कृत ग्राम महापल्ली में आज फिर एक मानवीय संवेदना की मिशाल देखने को मिली। आधुनिक युग मे जहाँ मानवता दम तोड़ती नजर आती है वही पूर्वांचल के इस अदद गांव में मानवीय संवेदना और मूल्य आज भी कायम है। यहाँ की मिट्टी यहाँ की संस्कृति ही ऐसा है कि गांव के नवयुवक निस्वार्थ सेवा में अग्रणी रहते हैं। व्यक्ति सोचता है कि उसके बच्चे उसके बुढ़ापे का सहारा बनेगा लेकिन लोग तो अपने बूढ़े माँ बाप को वृद्धाश्रम छोड़ने नहीं हिचकिचाते। आखरी सांस छोड़ने के बाद बेटा शव को कंधा तो देगा ऐसी हर माँ बाप की मंशा होती है लेकिन इसके उलट जिनका कोई नही होता उनके लिये फरिस्ते ही होते हैं जो किसी देवलोक से नही इसी लोक से ही आ जाते हैं कंधा देने के लिए।
दरअसल मामला ग्राम महापल्ली के गायत्री मंदिर परिसर का ही है। पिछले 15 -20 वर्षों से राजकुमारी यादव नामक वृद्ध महिला महापल्ली आयी जिसे स्वर्गीय शशिधर पंडा गुरुजी ने गायत्री मंदिर परिसर स्थित एक कमरे में आश्रय दी थी और राजकुमारी मंदिर के साफ सफाई फूल चंदन इकट्ठा करने में मदद करती थी। ग्राम पंचायत की ओर से शासन के सभी योजनाओं का लाभ जो इसे जरूरत थी उसे दी गयी थी।
वृद्धावस्था पेंशन ,सोसायटी से खाद्य सामग्री आदि सभी बुनियादी सुविधाएं दी गयी थी। इसके परिजन ओडिसा के बरगढ़ जिले में होने की बात कही जाती है। लेकिन इस वृद्धा की उनके परिजनों ने कभी सुधि ही नही ली। पिछले 2 वर्षा से राजकुमारी यादव जो लगभग 80 वर्ष की उम्र पार कर चुकी थी अब रुग्णावस्था ने घेर लिया था। गांव का ही एक व्यक्ति मकुंद माझी इस वृद्धा का देखरेख कर रहा था। गत 27 मार्च को वृद्धा राजकुमारी इहलोक से परलोक सिधार गयी। गायत्री मंदिर ट्रस्ट की ओर से ग्राम पंचायत सरपंच अनंत राम चैहान को  इसकी सूचना दी गयी वही पूर्व जनपद सदस्य सामाजिक कार्यकर्ता टीकाराम प्रधान ,पूर्व मंडल अध्यक्ष भाजपा डॉ आशुतोष गुप्ता ,जनपद सदस्य अशोक निषाद और पत्रकार शेषचरण गुप्त को जब इसकी सूचना मिली तो टीकाराम प्रधान व डॉ आशुतोष गुप्ता द्वारा रात को शव की जुगाली करवाई गई।
दूसरे दिन प्रातः गांव में लकड़ी इकट्ठा करवा कर शवयात्रा निकाली गयी व सूखामुड़ा तालाब  स्थित मुक्तिधाम में दाह संस्कार किया गया। वृद्धा को कंधा देनेमें डॉ. आशुतोष गुप्ता ,टीकाराम प्रधान ,दशरथ पटेल अध्यक्ष गायत्री मंदिर ट्रस्ट ,विनय, बटमूल महाविद्यालय के लिपिक त्रिलोचन बरेठ के महती भूमिका निभाई। शवयात्रा व्यवस्था में पंच ब्रजेश गुप्ता ,जयप्रकाश प्रधान ,सुनील साहू मंदिर पूजक ,चतुर्वेद निषाद ,अशोक निषाद जनपद सदस्य, मकुंद माझी, सरपंच अनंतराम चैहान ने भी सहभागिता निभाई। जातिवादी व्यवस्था के इस अन्धयुग मे मानवीय सरोकार को तरोताजा कर देने वाली इस कृत्य की सर्वत्र सराहना की जा रही है।

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