रायगढ़. साइबर फ्रॉड के मामलों में रायगढ़ पुलिस को एक और बड़ी सफलता हाथ लगी है। एसएसपी सदानंद कुमार के कुशल दिशा निर्देशन एवं एडिशनल एसपी संजय महादेवा के महत्वपूर्ण मार्गदर्शन पर गठित विशेष टीम द्वारा फर्जी वेबसाइट पर डिटेल भरवाकर ठगी करने वाले गिरोह के 4 सक्रिय सदस्यों को जामताड़ा (झारखंड) में दबिश देकर पकड़ा गया है। आरोपियों से एप्पल, रेडमी, सैमसंग और टेक्सो के कुल 13 नग मोबाइल और 69 विभिन्न कंपनी के सिम आदि बरामद किए गए हैं।
इस तरह देते थे घटना को अंजाम
आरोपियों का गिरोह जामताड़ा के झिलूवाटोला क्षेत्र से सक्रिय होकर सायबर ठगी का रैकेट चलाया जा रहा था जहां से कस्टमर केयर के रूप में लोगों को कॉल किया करते थे। शातिर आरोपीगण हर 7-8 दिन में अपना ठिकाना बदलते थे। ये अलग-अलग मोबाइलों नंबरों के जरिए अपने कस्टमर को कॉल करते थे। आरोपियों से पूछताछ में जानकारी मिली है कि ये सभी प्रमुख बैंक जैसे- एचडीएफसी एसबीआई आईडीबीआई इत्यादि का डमी लॉगइन पेज-वेबसाइट बना कर रखे हुए हैं। ये अपने कस्टमर को कॉल कर उन्हें डराया करते थे कि उनका क्रेडिट कार्ड-डेबिट कार्ड-एटीएम सस्पेंड होने वाला है उसे अपडेट करें। जैसे ही कस्टमर इनके झांसे में आता था और इन्हें कस्टमर के बैंक की जानकारी मिलती थी। ये कस्टमर को व्हाट्सअप या टेक्स्ट मैसेज के जरिये उसी बैंक का एक डमी लॉगिन पेज का एक फिसिंग लिंक मोबाइल पर सेंड करते और कस्टमर से आई पासवर्ड से पेज लॉगिन कराकर एक ऑनलाइन फार्म फिलअप कराते थे। कस्टमर फार्म फिलअप कर सबमिट करता तो कस्टमर के तमाम पर्सनल बैंक डिटेल इस फ्रॉड गैंग के पास होता और ये कस्टमर के बैंक अकाउंट में आई पासवर्ड से लॉगिन कर कस्टमर के सारे रुपए विभिन्न यूपीआई फोन पे, पेटीएम इत्यादि में रूपये ट्रांसफर कर निकाल लेते और आपस में बांट लेते थे।
एसएसपी सदानंद कुमार द्वारा जिले में घटित साइबर अपराधों की रोकथाम के लिये दो आयामों में प्रयास किए जा रहे हैं। एक तरफ “जनचेतना शिविर” के माध्यम से ज्यादा से ज्यादा लोगों को साइबर फ्रॉड्स एवं उनके फ्रॉड के तरीकों की जानकारी प्रचारित कर साइबर ठगी से आमजन को बचाए जाने जागरूकता अभियान का सहारा लिया जा रहा है। वहीं दूसरी तरफ साइबर सेल को एक प्रकार के साइबर ठगी के मामलों की क्लबिंग कर गिरोह की पतासाजी हेतु लगाया गया है। कुछ समय से फिसिंग साइट के जरिए फ्रॉड के प्रकरण सामने आ रहे थे जिन पर अपराध दर्ज कराया गया।
एसएसपी सदानंद कुमार द्वारा एडशिनल एसपी संजय महादेवा और सायबर सेल के पर्यवेक्षण अधिकारी एसडीओपी धरमजयगढ़ दीपक मिश्रा को ऑनलाइन मामलों में विशेष रणनीति तैयार करने निर्देशित किया गया। अधिकारियों के मार्गदर्शन पर सबसे पहले साइबर सेल द्वारा इन मामलों का विश्लेषण कर गिरोह तक पहुंचने का मार्ग व तरीका तय किया गया फिर सीएसपी अभिनव उपाध्याय के नेतृत्व में जिन थानों में प्रकरण दर्ज किए गए हैं उनके साथ साइबर सेल की एक संयुक्त टीम बनाकर दिगर प्रांत रवाना किया गया। रायगढ़ पुलिस की पूरी टीम पूरी गोपनियता बरतते हुये सुनियोजित तरीके से पहले झारखंड जामताड़ा जिले के झिलूवाटोला और घोषबाद क्षेत्र में दबिश दिया गया। जहां एक ही लोकेशन पर कई गिरोह सक्रिय होकर ठगी को अंजाम दिया जा रहा था। टीम ने रेड कर साइबर फ्रॉड कर रहे गैंग के 4 शातिर आरोपियों को धर दबोचा। कुछ आरोपी मौके से भाग निकले। टीम की पकड़ में आये 4 आरोपियों के पास से पुलिस ने 13 नग मोबाइल और 69 सिम विभिन्न कंपनियों के जब्त किये गये हैं। आरोपियों से पूछताछ में थाना कोतवाली रायगढ़ क्षेत्र के विकास नगर कोतरारोड में रहने वाले वीरेंद्र कुमार श्रीवास्तव हुई डेढ़ लाख रुपए की ठगी का खुलासा हुआ है।
ये हैं गिरफ्तार आरोपी
(1) राजेश मंडल पिता भुनेश्वर मंडल उम्र 33 साल निवासी झिलूथटोला खरबकी थाना नारायणपुर जिला जामताड़ा झारखंड
(2) दुर्योधन मंडल पिता प्रया मंडल उम्र 45 साल निवासी रुक्षा जागत सुढी (मंडल) झिलूबाटोला खरबकी थाना नारायणपुर जिला जामताड़ा झारखंड
(3) सुरेश मंडल पिता जयदीप मंडल 49 वर्ष निवासी झिलूवाटोला खरबकी थाना नारायणपुर जिला जामताड़ा झारखंड
(4) निसार अंसारी पिता खलील मियां उम्र 22 वर्ष निवासी करमबाग बेग थाना करमाटांड जिला जामताड़ा झारखंड
कुछ सिम नंबर फिर से हुए एक्टीवेट
पीड़ित वीरेंद्र कुमार श्रीवास्तव (उम्र 39 वर्ष) निवासी विकास नगर कोतरारोड द्वारा 7 जुलाई 2022 को थाना कोतवाली में उनके क्रेडिट कार्ड से 5 जून को 50000-50000 के 3 ट्रांजैक्शन अज्ञात आरोपियों द्वारा किया जाना बताते हुए लिखित आवेदन देकर धोखाधड़ी की रिपोर्ट दर्ज कराया गया था। कोतवाली थाने में अज्ञात आरोपी पर धारा 420 आईपीसी कायम कर विवेचना में लिया गया । विवेचना दरमियान पीड़ित के क्रेडिट कार्ड से जुड़े आईसीआईसी बैंक शाखा रायगढ़ से जानकारी लिया गया। पीड़ित के बैंक खाते से पेटीएम के माध्यम से रुपए ट्रांसफर होने की जानकारी मिली। साइबर सेल और कोतवाली पुलिस द्वारा जिन यूपीआई का उपयोग ठगी किया गया था जिसे जांच में रखा गया था। पुलिस विवेचना में सिम बंद मिला, सिम जिन मोबाइल पर उपयोग किये गये थे। उन मोबाइल के ईएमआई के टेक्निकल एनालिसिस पर जिन नंबरों का पता चला। उन नंबरों के विरूद्ध पहले की बिहार और झारखंड में भी अपराध दर्ज हैं। सायबर सेल की टीम 60-65 अलग अलग ईएमआई नंबरों का विशलेषण कर रही थी। तभी कुछ सिम नंबर के फिर से एक्टिवेट होने की जानकारी मिलने पर तत्काल सीएसपी रायगढ़ के नेतृत्व में सायबर सेल, थाना कोतवाली, चक्रधरनगर और कोतरारोड़ का स्टाफ दिगर प्रांत रवाना हुआ।
और भी मामलों का हो सकता है खुलासा
गिरफ्तार आरोपी राजेश मंडल, सुरेश मंडल, दुर्योधन मंडल और निसार अंसारी का कोतवाली पुलिस द्वारा पुलिस रिमांड लेकर पूछताछ कर रही है। आरोपियों में केवल निसार अंसारी ही कक्षा दसवीं पास है बाकी 3 आरोपी प्राथमिक शिक्षा प्राप्त किये हैं। निषार अंसारी के खिलाफ थाना करमाटांड में धारा 307 आईपीसी का मामला दर्ज है। आरोपी निषार बताया कि उसके जीजा का भाई इकबाल अंसारी काफी दिनों से सायबर ठगी का काम कर रहा है जो इसे और इसके कई साथियों को सायबर ठगी का काम सीखा कर उनका उपयोग करता है, बदले में सभी को मोटा रकम देता है। पकड़े गये सभी आरोपी पहले मजदूरी का काम करते थे। आरोपियों ने बताया कि जैसे ही कस्टमर इनके झांसे में आता सारे रुपयों को जल्द से जल्द निकाल कर आपस में बंटवारा कर लिया करते थे। आरोपियों से जप्त सामाग्रियों से जानकारी जुटाकर सायबर सेल अन्य प्रकरणों में आरोपियों की संलिप्तता की तहकीकात में जुटी हुई है, भविष्य में और अहम खुलासे की संभावना है।
आरोपियों की गिरफ्तारी में इनका योगदान
आरोपियों की गिरफ्तारी एवं अहम खुलासे में इनका मुख्य योगदान रहा। जिसमें नगर पुलिस अधीक्षक अभिनव उपाध्याय, थाना प्रभारी कोतवाली निरीक्षक शनिप रात्रे, उपनिरीक्षक कमल किशोर पटेल, सहायक उपनिरीक्षक कमल सिंह राजपूत थाना कोतरारोड़, प्रधान आरक्षक श्रीराम साहू थाना कोतवाली, प्रधान आरक्षक ओमप्रकाश सोन थाना चक्रधरनगर, प्रधान आरक्षक प्रदीप गहलोत साइबर सेल रायगढ़, आरक्षक प्रशांत पंडा साइबर सेल, प्रदीप तिवारी साइबर सेल, साविल कुमार चंद्रा साइबर सेल, नवीन शुक्ला साइबर सेल, हरिशंकर नायक थाना कोतरारोड, उद्धव मांझी थाना कोतवाली और परमानंद पटेल रक्षित केंद्र की अहम भूमिका रही है ।