
रायगढ़. जिले में दो वन मंडल हैं और दोनों ही वन मंडलों में हाथियों की मौजूदगी होती है। अक्सर देखा जाता था कि धरमजयगढ़ वन मंडल में गजराजों की संख्या होती थी, लेकिन इस बार रायगढ़ वन मंडल में इनकी संख्या में बढ़ गई है। घरघोड़ा रेंज के तीन अलग अलग बीट में अब हाथियों की संख्या 4 से 44 हो चुकी है। पूर्व में यहां तीन से चार ही हाथियों के विचरण करने की सूचना आ रही थी, लेकिन अब घरघोड़ा रेंज के जंगल में 44 हाथियों की मौजूदगी है। ऐसे में ग्रामीणों के बीच भी दहषत का माहौल निर्मित है।
विभागीय आकड़ों के अनुसार इन दिनों हाथियों की संख्या घरघोड़ा रेंज में अधिक में है। जिले में अगर दोनों वन मंडल धरमजयगढ़ और रायगढ़ की बात की जाए तो 64 हाथियों का अलग अलग दल विचरण कर रहा है। इसमें रायगढ़ वन मंडल में 47 और धरमजयगढ़ 17 हाथी जंगल में हैं। एकाएक घरघोड़ा रेंज के जंगल में हाथियों की संख्या बढ़ जाने से विभागीय अधिकारी कर्मचारियों की समस्या जरूर बढ़ गई है, पर लगातार हाथियों पर निगरानी रखने की बात कही जा रही है। वहीं हाथी प्रभावित क्षेत्रों में हाथी से बचाव के लिए ग्रामीणों को जागरूक करते हुए अकेले जंगल की ओर नहीं जाने की समझाईष दी जा रही है।
मूंगफली की फसल किया बर्बाद
जब हाथियों की संख्या किसी रेंज में बढ़ जाए तो निष्चित ही ग्रामीणों में दहषत निर्मित हो जाएगी। क्योंकि अक्सर षाम ढलने के बाद हाथियों का दल गांव और खेत के करीब पहुंच जाता है। बीते रात भी घरघोड़ा रेंज के कटंगडीह बीट में हाथियों का दल खेत में पहंुच गया और छह किसानों के धान और मूंगफली के फसल को बर्बाद कर दिया। जिसके नुकसान का आंकलन परिसर रक्षक द्वारा किया जा रहा है। जिसके बाद किसानों को मुआवजा दिया जाएगा।
इतनी यहां हाथियों की संख्या
घरघोड़ा रेंज के बरौद बीट में 20 हाथी मौजूद हैं। इसमें दो नर, दस मादा व आठ षावक षामिल हैं। वहीं कुडूमकेला पूर्व बीट में 19 हाथी हैं। जिसमें चार नर, दस मादा, पांच षावक जंगल में विचरण कर रहे हैं। वहीं कटंगडीह में चार हाथी और डेहरीडीह में एक हाथी की मौजूदगी है। रायगढ़ रेंज में महज तीन और धरमजयगढ़ वन मंडल के अलग अलग रेंज में 17 हाथी विचरण कर रहे हैं। इस तरह पूरे जिले में 64 हाथियों की मौजूदगी है।
वर्सन
घरघोड़ा रेंज में हाथियों की संख्या बढ़ गई है। करीब 44 हाथियों का दल रेंज में विचरण कर रहा है। बीते रात कंटगडीह बीट में हाथियों ने धान व मूंगफली का फसल बर्बाद किया था। उसका आंकलन किया जा रहा है। हाथी से बचाव के लिए ग्रामीणों को जागरूक करते हुए अकेले जंगल की ओर नहीं जाने की समझाईष दी जा रही है।
योगेन्द्र गंडेचा
वन परिक्षेत्र अधिकारी, घरघोड़ा