एक्सक्लुसिव@रायगढ़. शासन द्वारा शासकीय कर्मचारियों को विभाग की ओर से मकान अलार्ट किया जाता है। ताकि वे वहां रहकर शासन के कार्यों का बेहतर संचालन कर सके। वन विभाग द्वारा भी वनकर्मियों को उनके पदस्थापना स्थल पर क्वार्टर अलार्ट की जाती है। ताकि वे अपने मुख्यालय में रहकर जंगलो की सुरक्षा कर सके, लेकिन विभाग के अधिकारियों में मनमानी अब इतनी बढ़ने लगी है कि शासन के नियमों का भी उल्लंघन किया जा रहा है और एक नहीं बल्कि दो दो क्वार्टर वनकर्मियों को अलार्ट कर दिया जा रहा है। रायगढ़ के बेलादुला स्थित फारेस्ट काॅलोनी में करीब चार ऐसे वनकर्मी हैं जिन्हें एक नहीं बल्कि दो क्वार्टर अलार्ट है और वे अपने मुख्यालय में रहने को छोड़ फारेस्ट काॅलोनी में रह रहे हैं।
बेलादुला स्थित फारेस्ट काॅलोनी में करीब 25 से 30 परिवार निवासरत है। इसमें ऐसे वनकर्मी भी हैं, जिन्हें एक नहीं बल्कि दो क्वार्टर अलार्ट है। ऐसे में वे अपने मुख्यालय में जाते जरूर हैं, लेकिन समय से पहले वापस काॅलोनी के क्वार्टर में लौट आते हैं। विभागीय सूत्रों ने बताया कि बंगुरसिया, जामंगा बीट के अलावा घरघोड़ा रेंज के एक बीट का परिसर रक्षक हैं, जिन्हें दो-दो क्वार्टर विभाग के अधिकारियों ने अलार्ट कर दिया है। यही नहीं एक तो दूसरे जिले के एक रेंजर के नाम से भी इस काॅलोनी में क्वार्टर अलार्ट है। अब भला इससे यह साफ स्पष्ट है कि विभाग के अािकारियों की मनमर्जी भी चरम पर है और अपने चेहतों कर्मचारियों के लिए शासकीय नियमों का भी उल्लंघन किया जा रहा है।
वन अपराधी उठाते हैं फायदा
परिसर रक्षकों का मुख्यालय में नहीं रहने से इसका नुकसान शासन को हो रहा है। मौका पाकर वन अपराधी जंगल में पहुंच रहे हैं और अवैध कटाई से लेकर शिकार तक की घटना को अंजाम दे रहे हैं। हाल ही में बंगुरसिया पूर्व सर्किल में अवैध कटाई पकड़ा गया था। यह इस बात का प्रमाण माना जा सकता है कि यहां वनकर्मियों के द्वारा नियमित गश्त और मुख्यालय में नहीं रहा जाता था। जिसके कारण लकड़ी तस्कर बेखौफ होकर अवैध कटाई को अंजाम दे रहे थे और वनकर्मियों का मुख्यालय में नहीं होने का फायदा वन अपराधी लगातार उठाते आ रहे हैं।
रायगढ़ रेंज में ये क्या हो रहा
पिछले कुछ समय से देखें तो रायगढ़ वन परिक्षेत्र की वस्तुस्थिति ठीकठाक नही चल रही है। जुर्डा में तालाब जैसी गड़बडी का बडा मामला सामने आया। इसके अलावा बंगुरसिया सर्किल क्षेत्र में पेड़ो की अवैध कटाई का मामला देखा गया तो रेगड़ा के खेत में वनप्राणियों से फसल को बचाने लगाये गए करंट प्रवाहित की चपेट में आने से एक बालक की मौत हो गई। इस तरह लापरवाही के कई मामले रायगढ़ रेंज में लगातार आने से यह स्पष्ट है कि संबंधित अधिकारी कर्मचारियों की कार्यप्रणाली बेहतर नजर नही आ रही है।
क्या कहते हैं एक्सपर्ट
इस संबंध में सेवानिवृत्त उप वनमंडलाधिकारी पीएस पटेल से जब चर्चा की गई तो उन्होंने बताया कि किसी भी वनकर्मी को उसके मुख्यालय में एक मकान आबंटित करना है। ताकि वे वहां रहकर अपने कार्यों का सही ढंग से निर्वहन कर सके। दो शासकीय क्वार्टर एक ही कर्मचारी को अलार्ट करना अवैधानिक है। ऐसे में इनसे विभाग के उच्चाधिकारी को पेनाल्टी वसूलने की कार्रवाई की जानी चाहिए।
वर्सन
सभी वनकर्मियो को अपने मुख्यालय में रहना अनिवार्य है। इस तरह अगर दो मकान अलार्ट हुए हैं तो वह गलत है। उच्च अधिकारियों को अवगत कराते हुए विधिवत कार्रवाई की जाएगी।
मनमोहन मिश्रा
उप वन मंडलाधिकारी रायगढ़