रायगढ़. संविधान ने सभी को अपने मत और उपासना पर अमल का अधिकार दिया है, इस आधार पर किसी की निंदा नहीं होनी चाहिए। लेकिन जब कांग्रेस पार्टी श्रीराम वन गमन पथ या राष्ट्रीय रामायण महोत्सव का आयोजन करती है, तो आश्चर्य होता है। ज्यादा समय नहीं हुआ। जब यह पार्टी केंद्र में सत्तारूढ़ थी, तब इसने भगवान राम को काल्पनिक बताया था। ऐसे में अब इसकी रामभक्ति पर कोई कैसे यकीन करे। प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा रायगढ़ रामलीला मैदान में आयोजित राष्ट्रीय रामायण महोत्सव को भाजपा नेता शक्ति अग्रवाल ने नौटंकी करार देते हुए कहा है कि यह हास्यास्पद है कि जो कांग्रेस कल तक राम के अस्तित्व पर सवाल उठा रही थी वह रामायण महोत्सव करवा रही है। शक्ति अग्रवाल ने कहा कि कर्नाटक के चुनाव ने कांग्रेस को भक्ति सीखा दिया है। यह अच्छी बात है कि रामायण का वाचन यहां हो रहा है लेकिन कांग्रेस इसे मन से आत्मसात करके करे। हालांकि कांग्रेस का इतिहास हमेशा धर्म के विरोधी की रही है। अभी भी जो कांग्रेस पर राम भक्ति का खुमार चढ़ा है उसके पीछे भी नरेंद्र मोदी का ही असर है। लोगों में हिंदुत्व के प्रति बढ़ती आस्था के कारण ही कांग्रेस भी राम और रामायण की ओर मुंह तक रही है। यही है राम की महिमा।
भारतवासियों के लिए श्रीराम का क्या महत्व है, ये कहने की जरूरत नहीं। उन श्रीराम को काल्पनिक बताने वाला कांग्रेसी हलफनामा सामान्य नहीं था। विपक्ष के दबाव और सुप्रीम कोर्ट में अपील ने स्थिति संभाली, नहीं तो कांग्रेसनीत यूपीए सरकार रामसेतु को तोड़ने का मंसूबा बना चुकी थी। उस प्रकरण और राष्ट्रीय रामायण महोत्सव में से किसे सही मानें, इसका जवाब कांग्रेस को देना चाहिए।
अग्रवाल ने आगे कहा कि हमे विश्वास है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल सच में राम और रामायण को आत्मसात करेंगे और प्रदेश में हो रहे धर्मांतरण जैसे मुद्दे पर ध्यान देंगे। जब कांग्रेस राम कथा को प्रामाणिक नहीं मानती, तब रामायण पाठ और राम वन गमन पथ के प्रति आस्था कैसे दिखा रही है? अग्रवाल ने कहा की कांग्रेस को अपने विचार बदलने का पूरा अधिकार है, लेकिन इसके लिए उसे अपने पिछले कार्यों के लिए माफी तो मांगनी ही चाहिए।