संसद के नए मंदिर में लोकतंत्र की आत्मा का वास है:-गोमती साय

Mohsin Khan
Mohsin Khan 2 Min Read

 

रायगढ़. संसद के नए मंदिर में लोकतंत्र की आत्मा का वास है क्षेत्र की जनता ने इस मंदिर में मुझे माथा टेकने भेजा है लोकतंत्र के इस मंदिर में माथा टेकना मुझे गौरांवित कर रहा है उक्त बाते क्षेत्र की सांसद गोमती साय ने नए भवन के उद्घाटन समारोह के दौरान दिल्ली प्रवास के दौरान कही। नए संसद भवन के उद्घाटन अवसर पर गोमती साय मौजूद रही। उन्होंने कहा प्रधान मंत्री मोदी के हाथो से नए संसद भवन के उद्घाटन पर सेंगोल की स्थापना सनातन धर्म का याथो चित सम्मान है। यह सेंगोल करोड़ों देश वासियों को गुलामी के विचारों से मुक्त कराने का संदेश है साथ ही साथ यह सेंगोल देश वासियों को प्रतिपल आजादी का आभाष कराता रहेगा। आजादी के बाद से हमारे सनातन मूल्यों को देश से छिपाने का प्रयास किया गया । मोदी सरकार ने सदा सदा के लिए जनता के समक्ष पावन भावना से लोकतंत्र के मंदिर में सेंगोल की सदैव के लिए स्थापित कर दिया। इस नए मंदिर के समक्ष सांसद गोमती साय ने श्रद्धा से शीश नवाते हुए कहा देश के यशस्वी प्रधान मंत्री मोदी जी पर देश वासियों को गर्व है। वीर सावरकर को नमन करते हुए गोमती साय ने कहा मोदी जी द्वारा वीर सावरकर की जयंती के दिन नए संसद भवन का लोकार्पण करना देश वासियों को आजादी हेतु सावरकर जी के अक्षुण्ण योगदान का स्मरण कराता रहेगा। इस महान क्रांतिकारी के योगदान को कभी भुलाया नही जा सकता। मातृ भूमि के लिए अपने प्राणों का त्याग करने वाले वीर सावरकर का जीवन हम सबके लिए प्रेरणा दाई रहेगा। नए संसद भवन से होने वाले हर फैसले स्वर्णिम भारत का निर्माण करेंगे ।कश्मीर से कन्याकुमारी तक एक भारत श्रेष्ठ भारत की आवाज इस नए संसद भवन में गुंजाय मान होगी। इस नए मंदिर की इस प्राण प्रतिष्ठा के अवसर पर साक्षी बनने के अवसर को गोमती साय ने जीवन का ऐतिहासिक एवम गौरवशाली क्षण निरूपित किया।

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