Raigarh News: चूहे डकार रहे हितग्राहियों का चावल, हर माह होता है नुकसान, कई किलो चावल चट कर रहे साथ ही बारदने भी कुतर रहे

Mohsin Khan
Mohsin Khan 4 Min Read

Raigarh News: रायगढ़. जिले में कई ऐसे जरूरतमंद हितग्राही हैं, जो हर माह राशन दुकानों से चावल लेते हैं और अपना व अपने परिवार का पेट भरते हैं। ऐसे में शासन द्वारा कई टन चावल राशन दुकानों में वितरण के लिए दिया जाता है, लेकिन पिछले लंबे समय से चूहे इन दुकान संचालको के लिए समस्या बने हैं और हर दिन राशन दुकानों में कई किलो चावल खाकर वे अपना भेट भर रहे हैं। जिसका सीधा नुकसान राशन दुकान संचालको को हो रहा है।

जिले में करीब 600 से अधिक और शहर में लगभग 50 राशन दुकान संचालित हो रहे हैं। इन राशन दुकानों की अगर बात किया जाए, तो करीब हर संचालक यहां चूहो से परेशान है। कई टन चावल सभी राशन दुकान में हर माह आता है। ऐसे में एक भी चूहा यहां पहुंचता है तो उसे खाने के लिए पूरा का पूरा खजाना मिल जाता है। ऐसे में धीरे धीरे चूहों की पूरी फौज राशन दुकानों तक पहुंच जाती है और उसके बाद सरकारी चावलों को बड़ी ही आसानी से डकार जाते हैं। माह भर में हितग्राहियों के वितरण के लिए आया कई किलो चावलों को चूहे चट कर जाते हैं। बाद में संचालकों को वह चावल शार्टेज भी मिलते हैं। अब यह किसी एक राशन दुकान की बात नहीं है। बल्कि लगभग हर राशन दुकानों का यही हाल है। ऐसे में लंबे समय से चूहे राशन दुकान संचालकों के लिए सिर दर्द बन रहे हैं।

जगह जगह नजर आते हैं चूहों के बिल
दुकान के भीतर जाने के लिए चूहे जगह जगह खोद कर गड्ढा भी कर देते हैं। ऐसे में बड़ी ही आसानी से हर दुकानों में चूहों के बिल नजर आते हैं, तो राशन दुकानों में अगर अन्य सामान रखा जाता है तो उसे भी वे अपने नुकीले दांतो से कुतर देते हैं। अब इस समस्या का सही समाधान भी संचालकों को नहीं मिल पा रहा है।

बारदानों का होता है शार्टेज
बताया जा रहा है कि राशन दुकानों में चावल बारदानें में आता है। इसके बाद इन्हें लाट बनाकर रख दिया जाता है। जिसके बाद चूहे बोरों पर जमकर उछलकूद करते हुए बारदानों को भी कुतर जाते हैं। इससे बोरों का भी शार्टेज हो जाता है। राशन दुकान संचालको के लिए यह भी एक समस्या बनी हुई है।

दवा भी नहीं डाल पाते
चूहों के लिए दवा डालने से भी संचालक डराते हैं क्यांेकि राशन दुकान में हितग्राहियों को देने वाला चावल होता है और उन चावलों में दवा छिड़क जाए तो उससे कोई समस्या न हो जाए इस बात का उन्हें ध्यान रखना होता है।

वर्सन
चूहों के कारण सभी राशन दुकानों में चावल के साथ बारदाने का भी नुकसान होता है। ग्रामीण क्षेत्रों में यह समस्या ज्यादा देखी जाती है। लगभग बीस प्रतिशत बरदानों का नुकसान होता है क्योंकि दो से तीन माह में इसका उठाव होता है और तब तक चूहे कई बारदानों को कुतर देते हैं। साथ ही चावल शार्टेज की भी समस्या बने रहती है।
प्रशांत सिंह, राशन विक्रेता संघ

वर्सन
चूहों के कारण राशन दुकनों में समस्या बनी हुई है। हर दुकान में चावल व बारदाने का शार्टेज हो जाता है। जिसकी भरपाई दुकान संचालको को करनी पड़ती है। राशन दुकानों में चूहों के बिल आसानी से देखे जा सकते हैं। हर माह की समस्या है।
दीपक मेहता, संचालक, राशन दुकान

Share This Article
Leave a comment