Raigarh News: रायगढ़. जिले के धरमजयगढ़ व रायगढ़ वन मंडल में हाथियों की मौजूदगी साल भर रहती है। इसके कारण हाथी प्रभावित क्षेत्रों में ग्रामीणों के बीच डर का भी माहौल बना रहा है। जहां इन दिनों दोनों वन मंडल के जंगलों में 96 हाथियों का दल चहलकदमी कर रहा है। ऐसे में बीती रात हाथियों ने अलग अलग रेंज में कई जगह फसल भी नुकसान किया है। ऐसे में हाथी प्रभावित क्षेत्र के जंगलों में ग्रामीणों का जाना भी किसी खतरे से कम नहीं है। जिसके कारण विभाग द्वारा लगातार ग्रामीणों को जंगल की ओर अकेले नहीं जाने की बात भी कही जाती है।
इस संबंध में मिली जानकारी के मुताबिक शाम ढलने के बाद हाथियों का दल जंगल से निकलकर खेतों तक पहुंच रहा है। जहां हाथियों के दल ने धरमजयगढ़ के बायसी में धान की फसलों को बर्बाद किया है। इसके अलावा छाल वन परिक्षेत्र के हाटी, बांसाझार, कीदा, भलमुड़ी में धान फसलों को चौपट कर दिया। हाथी खेतों में घुसकर अपने पैरों से फसलों को चैपट करने के साथ ही उन्हें खाते हैं। जिससे काफी मात्रा में फसल का नुकसान होता है। बीती रात को धरमजयगढ़ व छाल रेंज में हाथियों द्वारा किए गए धान फसलों के नुकसान का आंकलन विभाग द्वारा किया जा रहा है।
नर, मादा के साथ शावक भी
धरमजगढ़ वन मंडल में हाथियों की संख्या बढ़ते और घटते रहती है, लेकिन बात अगर अभी की करे तो इस वन मंडल में 90 तक इनकी संख्या पहुंच चुकी है। इसमें नर हाथियों की संख्या 26, मादा 39 व शावक 25 की संख्या में हैं। जबकि रायगढ़ की बात करे तो यहां छह हाथी का अलग अलग दल विचरण कर रहा है।
रहता है ग्रामीणों में डर
धरमजयगढ़ वन मंडल के कई गांव हाथी प्रभावित क्षेत्र हैं। ऐसे में जब काफी संख्या में हाथियों की मौजूदगी होती है तो ग्रामीणों के बीच डर का भी माहौल बन जाता है। शाम ढलते ही गजराज जंगल से निकलकर पानी व खाने की तालाश में खेतों तक पहुंच जाते हैं। इसके बाद ग्रामीणों के बीच डर बना रहता है कि कहीं हाथी दल बस्ती तक नहीं पहुंच जाए। हांलाकि विभाग द्वारा प्रभावित ग्रामों में मुनादी व बचाव के प्रसार प्रसार करती है।