Raigarh News: रायगढ़. महाप्रभु श्रीजगन्नाथ रथोत्सव प्रतिवर्ष की भांति इस वर्ष भी मोतीमहल के सामने स्थित रायगढ के मुख्य ऐतिहासिक श्रीजगन्नाथ मंदिर में भगवान श्रीजगन्नाथ के रथोत्सव की तैयारियां श्रीजगन्नाथ मंदिर ट्रस्ट एवं उत्कल सांस्कृतिक सेवा समिति के द्वारा जोर शोर से चल रही है। वहीं इस संबंध में विस्तृत जानकारी देते हुए देवेश षडंगी ने बताया कि इसके भव्य आयोजन के लिए समस्त रायगढ वासियों का बढ़चढ़ कर सहयोग प्राप्त हो रहा है।
उन्होंने बताया कि 150 वर्षों से भी अधिक पुराने रियासत कालीन समय से रायगढ के इस भव्य रथोत्सव को इस वर्ष भी उसी भव्यता से मनाने श्रीजगन्नाथ मंदिर ट्रस्ट एवं उत्कल सांस्कृतिक सेवा समिति के सेवक एवं कार्यकर्ता अक्षय तृतीया के दिन से ही दिन रात लगे हुए हैं, जिसमें प्रत्येक तिथियों में उड़ीसा के विभिन्न क्षेत्रों से आमंत्रित अलग-अलग कलाकारों द्वारा मनोरंजक प्रस्तुति दी जायेगी।
22 जून को महास्नान
रथोत्सव के इस वर्ष केआयोजन में सर्वप्रथम 22 जून को भगवान श्री जगन्नाथ, बलभद्र एवं देवी सुभद्रा का पवित्र स्नान का कार्यक्रम है। जो प्रातः 10 बजे से प्रारंभ होगा जिसमें 108 कुंभों के अभिमंत्रित पवित्र जल से 108 ब्राम्हणों द्वारा भगवान का स्नान कराया जायेगा। इस अवसर पर उड़ीसा से आने वाले विशेष भजनकीर्तन मंडली का मनमोहक कार्यक्रम है। तत्पश्चात महाभोग होगा तथा उत्कलिका द्वारा शीतल पेय वितरित किया जायेगा एवं देवस्नान संध्या 7 बजे महाप्रभु के समक्ष परंपरानुसार ओडिसी नृत्य का भव्य कार्यक्रम है जिसमें गुरू देवेन्द्र नाथ बेहरा जी एवं उनके शिष्यों द्वारा नृत्यांजली की प्रस्तुति दी जायेगी। संध्या इस नृत्यांजली के पश्चात भगवान 15 दिनों के लिए अनसर या अस्वस्थता में रहेंगे अतःइन दिनों में मंदिर के कपाट बंद रहेंगे।
6 जुलाई को खुलेगा पट
15 दिनों के पश्चात अर्थात 6 जुलाई को भगवान के नेत्र खुलने पर मंदिर के कपाट खुलेंगे एवं इस दिन नेत्रोत्सव होगा जिसमें भगवान के नवयौवन रूप का दर्शन होगा। तत्पश्चात 7 जुलाई आषाढ शुक्ल पक्ष द्वितीया को रथ यात्रा का शुभारंभ होगा। रायगढ की परंपरानुसार यहां के दो दिवसीय रथ यात्रा में 7 जुलाई को नीति अनुसार रायगढ राजपरिवार द्वारा पहंडी एवं छेरा पहरा का कार्यक्रम होगा एवं भगवान श्री जगन्नाथ अपने भाई बलभद्र एवं बहन सुभद्रा के साथ रथारुढ होंगे। इस दिन भगवान का रथ श्री समलेश्वरी मंदिर के सामनें के मैदान पर ही रहेगा जहां उड़ीसा से आये हुए भजन एवं नृत्य कलाकरों द्वारा मनोरंजक प्रस्तुति दी जायेगी एवं इसी दिन उत्कलिका मातृशक्ति द्वारा श्रीजगन्नाथ मंदिर परिसर में विभिन्न उड़िया व्यंजनों का आनन्द पाक मेला का आयोजन किया जायेगा।
8 जुलाई को निकलेगी रथयात्रा
आगामी 8 जुलाई की संध्या 4 बजे यह रथ यात्रा जनमानस के पूरे हर्षोल्लास एवं उड़ीसा के विशेष घंट पार्टी के कलाकारों कीर्तन भजन नृत्य मंडली के साथ आगे अपने गंतव्य मौशी घर की ओर चांदनी चैक, सोनार पारा, गांजा चैक, हटरी चैक होते हुए गायत्री मंदिर तक जायेगी जहां से भगवान को मौसी घर को लोग ले जायेंगे। मौसी घर में 8 दिन भगवान सेवा प्रसाद प्राप्त कर दशमी 15 जुलाई की संध्या 4 बजे वापस अपने मंदिर आने पूरी भव्यता से भजनकीर्तन मंडली एवं मंदिर के सेवकों कार्यकर्ताओं के साथ रथारुढ होकर निकलेंगे एवं हटरी चौक से गद्दी चौक, पैलेस रोड, गोपीनाथ जीव मंदिर से चांदनी चौक होते हुए राजा पारा स्थित अपने श्री मंदिर पहुंचने पर उत्कलिका मातृशक्ति द्वारा भगवान की महा आरती कर स्वागत किया जायेगा। जहां भगवान मंदिर प्रांगण में ही रहेंगे। 16 जुलाई देवशयनी एकादशी को संध्या 6 बजे उड़ीसा के प्रसिद्ध कलाकरों द्वारा लक्ष्मी नारायण वाद विवाद का मनमोहक प्रस्तुतीकरण किया जायेगा एवं भगवान अपने गर्भ गृह में प्रवेश करेंगे इसके पश्चात महाप्रभु योग निद्रा में चले जायेंगे। वहीं चार माहों के लिए समस्त विवाह आदि शुभ कार्यों पर विराम लग जायेगा एवं कार्तिक मास के एकादशी जिसे देव उठनी एकादशी कहते हैं में भगवान के निद्रा से जागने के पश्चात पुनः शुभ कार्य आरंभ हो जायेंगे।