रायगढ़. नागरिकों के लिये पुलिस मित्रवत हो, नागरिक पुलिस को सहयोगी, मददगार समझें, इस दिशा में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक श्री सदानंद कुमार द्वारा थाना, चौकी प्रभारियों को आमजन की शिकायतों, समस्याओ पर प्राथमिकता पूर्वक वैधानिक कार्यवाही के निर्देश दिये गये हैं । एसएसपी रायगढ़ के दिये गये इन निर्देशों का बखूबी पालन कल थाना चक्रधरनगर अंतर्गत देखने को मिला ।
दरअसल कल शाम थाना प्रभारी चक्रधरनगर निरीक्षक प्रशांत राव आहेर, को एक कॉलेज स्टूडेंट सिद्धांत ने कॉल कर बताया कि वो और उसके चार मित्र-डांकेश्वर, विवेक, आदर्श और शिवा के साथ पाँचों कच्ची खोली सिंधी कॉलोनी निवासी राजेश भूटानी के किराया मकान को 4,000 रुपये में किराए से लिए हैं लेकिन मकान मालिक छोटी छोटी बातों को लेकर पूरे दिन परेशान कर रहा है जिससे वे पढ़ाई पर ध्यान नहीं दे पा रहे हैं, वे मकान मालिक से काफी परेशान लगे और थाना प्रभारी को उनके समस्या के निदान के लिये कॉल किये थे ।
परेशान छात्रों को मोबाइल पर दिलाशा देकर तत्काल थाना प्रभारी चक्रधरनगर अपने स्टाफ के साथ स्वयं मौक़े पर पहुंचे । छात्रों की पूरी बात सुनने के बाद वे उनसे पूछे कि वे आगे क्या कार्यवाही चाहते हैं । तब उनके द्वारा मकान मालिक को दिये गये रुपये वापस लेकर दूसरी अच्छी जगह पर किराए मकान लेकर रहने की इच्छा जाहिर किये । थाना प्रभारी द्वारा मकान मालिक राजेश भूटानी का भी पक्ष सुना गया, मकान लिये 2 दिन भी नहीं हुये थे, ऐसे में थाना प्रभारी ने मकान मालिक को कहा गया कि छात्र रहना नहीं चाहते तो उनके रूपये लौटाये । तब राजेश भूटानी द्वारा छात्रों से लिये रूपये तत्काल फ़ोन पे माध्यम से वापस किया गया । मौके पर एक और छात्र लक्ष्मी प्रसाद ने बताया की वो 15 दिन से यहीं किराए पर रह रहा है । उसके किराये रूम में दूसरा ताला लगा दिया जाता है जिससे वह हर बार मकान मालिक के आने का इंतज़ार करता है, लक्ष्मीप्रसाद भी मकान में नहीं रहना चाहता हूं बताया । थाना प्रभारी की उपस्थिति में तत्काल मकान मालिक के द्वारा लक्ष्मीप्रसाद को भी 2,000 रुपये वापस कर दिया । उसके बाद सभी छात्र अपना सामान लेकर मुनासिब स्थान के लिये प्रस्थान किये । इस प्रकार छात्रों के एक कॉल पर चक्रधरनगर पुलिस मौके पर पहुंचकर छात्रों के समस्या का निराकरण किया गया । चक्रधरनगर पुलिस के कार्य से छात्रों के चेहरे पर पुलिस की कार्य प्रणाली पर सम्मान का भाव देखने को मिला, किराया मकान से जाते वक्त अभिभूत होकर “थैं क्यू सर” छात्रों के धन्यवाद ज्ञापित करने वाले शब्द थे ।