
रायगढ़. छत्तीसगढ़ में आगामी कुछ महीनों में विधानसभा चुनाव होना है। जिसकी तैयारी कांग्रेस ने अभी से शुरू कर दी है। रायगढ़ विधानसभा सीट इस बार हॉट सीट के रूप में देखी जा रही है। यहां कांग्रेस में टिकट के कई दावेदारों ने विधायक टिकट के लिए आवेदन फॉर्म जमा किया है, वहीं कई नेताओं के नाम के चर्चे भी हो रहे हैं। उनमें से सोशल मीडिया और राजनीतिक गलियारों में जयंत ठेठवार का नाम भी प्रबल दावेदार के रूप में सामने आ रहा है। प्रत्यक्ष सवाल करने पर जयंत ठेठवार अब तक चुप रहे हैं लेकिन आज उन्होंने अपनी चुप्पी तोड़ते हुए टिकट के लिए अपनी दावेदारी प्रस्तुत कर सबको चौंकाते हुए रायगढ़ की राजनीति में हलचल मचा दी।
आज हुआ कुछ ऐसा कि भूपेश सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं की समीक्षा के लिए हितग्राही कार्ड अभियान का शुभारंभ चक्रधर नगर क्षेत्र में शुरू किया गया। जहां सभापति जयंत ठेठवार डोर टू डोर जाकर हितग्राही कार्ड के लाभ के विषय में लोंगो को अवगत कराते हुए विस्तार से जानकारी दे रहे थे। सैकड़ो घरों में जाने के बाद जयंत ठेठवार दोपहर को अचानक अपने समर्थकों के साथ कांग्रेस कार्यालय पहुंचे और उन्होंने विधानसभा टिकट के लिए ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष विकास ठेठवार के समक्ष अपना आवेदन प्रस्तुत कर दिया। जयंत ठेठवार के ताल ठोंकते ही रायगढ़ की राजनीति में आज भूचाल मच गया और राजनीतिक रूप से जबरदस्त माहौल देखा गया। हर तरफ जयंत के नाम की चर्चा हो रही है। चर्चा होना भी लाजमी है क्योंकि जयंत का व्यक्तित्व ही कुछ ऐसा है कि लोग उन्हें बेहद पसंद करते हैं और विधायक टिकट का प्रबल दावेदार मान रहें हैं।
*अजेय योद्धा*
बता दें की जयंत ठेठवार पुरानी बस्ती से लगातार पांच मर्तबा पार्षद निर्वाचित हुए हैं उनकी धर्मपत्नी को एक बार पार्षद चुनाव में उन्होंने विजेता बनाया है। कुल मिलाकर कहा जाए तो जयंत ठेठवार लगातार छह मर्तबा जीत का सेहरा पहन चुके हैं। जब रायगढ़ शहर में बीजेपी की शहर सरकार थी तब जयंत ठेठवार ने नेता प्रतिपक्ष की जिम्मेदारी बखूबी निभाते हुए संगठन और जनता के लिए जो कार्य किए हैं वो किसी से छिपा नहीं है। नेता प्रतिपक्ष के रूप में जयंत की मेहनत और लगन देखकर आलाकमान ने उन्हें जिला कांग्रेस कमेटी का अध्यक्ष बनाया जिसके बाद तो जैसे रायगढ़ कांग्रेस की किस्मत ही पलट गई।
*विधानसभा कि जीत बड़ी उपलब्धि*
रायगढ़ विधानसभा चुनाव 2018 में अध्यक्ष रहते हुए रायगढ़ से प्रकाश नायक को टिकट दिलाने में जयंत की भूमिका अग्रणी थी। उस वक्त किसी ने यह नहीं सोचा था कि प्रकाश नायक को विधायक का टिकट मिल जाएगा लेकिन जयंत ठेठवार ने जिस प्रकार संगठन के सामने उनका नाम आगे रख बताया कि यह चेहरा कांग्रेस को जीत दिलाएगा। उस वक्त संगठन ने जयंत ठेठवार की बातों पर भरोसा किया और प्रकाश नायक को विधायक का टिकट दे दिया। टिकट मिलने के बाद जिम्मेदारी थी चुनाव जिताने की तो अध्यक्ष जयंत ठेठवार ने बूथ लेवल पर ऐसी योजना बनाई की प्रकाश नायक को विधायक बनाकर ही दम लिया। आपको बता दें कि जयंत ठेठवार के पास युवा और अनुभवी कार्यकर्ताओं की बड़ी फौज मौजूद है जो रायगढ़ में अन्य किसी भी नेता के पास उपलब्ध नहीं है। उन्हीं के बलबूते बूथ लेवल पर कांग्रेस हर चुनाव में एक्टिव नजर आती है।
*नगरीय निकाय चुनाव का सारथी बन कांग्रेस की जीत में निभाई अहम भूमिका*
बात यहीं खत्म नहीं होती जयंत ठेठवार की कुशल रणनीति की एक बानगी 2019 नगरीय निकाय चुनाव में भी देखने को मिली। संगठन को मालूम था कि जयंत ठेठवार ने जिस प्रकार विधानसभा चुनाव में अपनी कुशल रणनीति से कांग्रेस को जीत दिलाई है उसी प्रकार नगरीय निकाय चुनाव में जयंत की नीति ही काम करेगी, इसलिए उन्हें संगठन के उच्च नेतृत्व के साथ-साथ उच्च शिक्षा मंत्री उमेश पटेल ने प्रत्याशी चयन से लेकर चुनावी रणनीति बनाने की पूरी स्वतंत्रता दी थी। संगठन को विश्वास था कि रायगढ़ शहर में भाजपा को यदि कोई कांग्रेसी नेता मात देने का माद्दा रखता है तो वो जयंत ठेठवार है। संगठन के भरोसे पर खरा उतरते हुए जयंत ठेठवार ने पूरी निष्ठा और ईमानदारी से चुनाव में पूरी ताकत झोंक दी। जयंत ठेठवार ने वार्ड पार्षदों के रूप में ऐसे दावेदारों को प्रस्तुत किया जिनपर जीत की मुहर थी। चुनाव हुआ और रिजल्ट के रूप में 24 कांग्रेस पार्षदों ने जीत का परचम लहराया। जयंत ने जिनको चुना था लगभग उन सारे नेताओं ने अपने-अपने वार्ड में जीत हासिल दर्ज किया। शहर में कांग्रेस की सरकार बनी। जहां महापौर के रूप में जानकी काटजू को चुना गया तो वही जयंत ठेठवार सभापति चुने गए।
*केलो आरती से रायगढ़ को दिलाई पहचान, लाई जागरूकता*
केलो महाआरती आज पूरे छत्तीसगढ़ में रायगढ़ की पहचान बन चुकी है। केलो उद्धार समिति के बैनर तले अध्यक्ष जयंत ठेठवार के नेतृत्व में दर्जनों समाज एक साथ मिलकर इस आयोजन को हर साल करती आ रही है। महाआरती को प्रारंभ करने का मुख्य उद्देश्य स्वच्छता के प्रति लोगों में जन जागरूकता लाना है। पहले की तुलना में केलो में स्वच्छता व साफ-सफाई बढ़ गई है। लोग जागरूक हो रहे हैं। केलो आरती रायगढ़वासियों की एकता का प्रतीक बन चुका है। राष्ट्रीय रामायण महोत्सव में केलो आरती का नाम सुनकर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भी केलो मैया की आरती करने की इच्छा जताई और इसकी पूरी तैयारी केलो उद्धार समिति के बैनर तले जयंत एंड टीम ने की, आज जिसकी सफलता की गूंज पूरे छत्तीसगढ़ में गूंज रही है खुद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भी केलो आरती कार्यक्रम को सराहा है।
*सरल व सहज व्यक्तित्व बनाती है खास*
जिले में जयंत ठेठवार की पहचान एक जमीनी नेता के रूप में है। बेदाग छवि और मृदुभाषी व्यवहार के कारण आमजनता उनसे सीधे जुड़ती है। शहर के करीब डेढ़ दर्जन पार्षद ऐसे हैं जो उन्हें अपना राजनीतिक गुरु मानते हैं। अपने 3 दशकों से अधिक के राजनीतिक जीवनकाल में जयंत ने हर वर्ग के लोगों का साथ दिया है। सुख हो या दु:ख हर व्यक्ति के साथ खड़े रहे हैं और उनकी समस्याओं का हरने का काम किया है। जयंत ने अपने से जुड़े प्रत्येक व्यक्ति को आगे बढ़ने का अवसर दिया है। रायगढ़ की जनता सहजता से जयंत ठेठवार को इसलिए भी स्वीकारती है क्योंकि उन्होंने किसी का अहित नहीं किया व सभी आगन्तुकों का यथासंभव सहयोग वो करते रहे हैं।
*जयंत के नाम में जीत की गारंटी*
“वर्तमान परिप्रेक्ष्य में रायगढ़ से नए चेहरों को टिकट देने की चर्चा राजनीतिक गलियारों में हो रही है तो वर्तमान सिटिंग एमएलए प्रकाश नायक के विकल्प के रूप में जयंत ठेठवार का नाम लोगों के जुबान पर स्वतः ही आ रहा है। लोगों के बीच चर्चा का विषय है कि रायगढ़ में यदि इस बार भारतीय जनता पार्टी को हराना है तो जयंत ठेठवार से बेहतर विकल्प और कोई नहीं है। जयंत के नाम में ही जीत की गारंटी है।” बहरहाल अब आगे यह देखना है कि कांग्रेस आलाकमान रायगढ़ विधानसभा में कांग्रेस की वर्तमान स्थिति को देखते हुए जयंत ठेठवार पर विश्वास जताती है या फिर पुराने चेहरों को ही मौका देगी?