
सारंगढ़. छत्तीसगढ़ के नवगठित सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिले में बाघ के शिकार करने का मामला आमने आया है। जंगली सुअर के लिए लगाए गए करंट प्रवाहित तार की चपेट में आने से बाघ की मौत हो गई। घटना के बाद वन विभाग की टीम ने 5 आरोपियों को गिरफ्तार करते हुए जेल भेज दिया है। वहीं इस मामले में परिसर रक्षक को निलंबित कर दिया गया है, तो संबंधित परिक्षेत्र सहायक व प्रभारी परिषेत्राधिकारी को नोटिस जारी किया गया है।
इस संबंध में मिली जानकारी के अनुसार सारंगढ़ के गोमर्डा अभ्यारण्य में दिसम्बर माह में क्षेत्र के जंगल मे एक नग बाघ को विचरण करते देखा गया था। जिसके बाद वन विभाग के द्वारा कैमरा ट्रैप लगाकर तथा STPF (Special Tiger Protection Force) का गठन कर उक्त बाघ का सतत् निगरानी की जा रही थी। साथ ही लगातार मॉनिटरिंग एवं ट्रैकिंग किया जा रहा था। इसी बीच 12 जनवरी के पश्चात् इसके जंगल मे बाघ के फूटप्रिंट नहीं मिलने के कारण वन विभाग को हुई शंका के आधार पर विभाग ने अपने मुखबीरों को अलर्ट कर पता साजी चालू कर दिया गया। जिसके तहत 24 जनवरी को मुखबीरों से प्राप्त सूचना के आधार पर पहले 03 आरोपियों को पकड़ा गया। जिनके द्वारा पूछताछ में बताया गया कि जंगली सुअर का शिकार करने के लिए लगाये गये बिजली तार में फंस जाने से एक नग बाघ की मृत्यु हो गई है। पकड़े जाने के डर से शिकारियों ने बाघ के शव को नजदीक जंगल में लात नदी के किनारे दफना दिया था।
दफनाये गए स्थान से मिला बाघ का कंकाल
सारंगढ़ वन मंडल की टीम, STPF एवं वन विभाग के डॉग स्कवॉड के द्वारा आरोपियों द्वारा शव को दफनाये गये स्थान का मुआयना कर एक नग बाघ का कंकाल खोज निकाला। साथ ही साथ डॉग स्कवॉड द्वारा आरोपियों के घर में छापामारी की कार्यवाही की गई जिससे शिकार करने में प्रयुक्त बिजली के तार एवं अन्य शिकार संबंधित सामग्री का जब्ती किया गया एवं अन्य 02 आरोपियों को भी पकड़ा गया।
बाघ का किया गया अंतिम संस्कार
NTCA की Standard Operating Procedure (SOP) अनुसार शव परीक्षण हेतु पशु चिकित्सकों की समिति का गठन किया जा कर प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्यप्राणी) एवं मुख्य वन्यप्राणी अभिरक्षक छ०ग० एवं मुख्य वन संरक्षक (वन्यप्राणी) बिलासपुर, वनमंडलाधिकारी सारंगढ़ बिलाईगढ़, NTCA के नामित प्रतिनिधि, अधीक्षक गोमर्डा अभ्यारण्य सारंगढ़, स्थानीय जन प्रतिनिधियों तथा वन विभाग के अधिकारियो/कर्मचारियों की उपस्थिति में विधिवत शव परीक्षण किया जाकर शव को नियमानुसार जलाया गया। शव परीक्षण के दौरान उक्त बाघ के सभी अंग सही सलामत पाया गया एवं नमूना सैम्पल जांच हेतु भेजा गया ।
परिसर रक्षक निलंबित, परिक्षेत्राधिकारी को नोटिस जारी
प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्यप्राणी) द्वारा वन्यप्राणियों के संरक्षण हेतु उचित मार्गदर्शन देते हुए उक्त प्रकरण में सख्त कार्यवाही करने हेतु निर्देशित किया गया। जिसमें प्राथमिक जांच के आधार पर त्वरित कार्यवाही करते हुए वन विभाग द्वारा विद्युत तार के संबंध में लापरवाही बरते गये परिसर रक्षक को निलंबित किया गया तथा संबंधित परिक्षेत्र सहायक और प्रभारी परिक्षेत्राधिकारी को शोकॉज नोटिस जारी किया गया है। साथ ही साथ संबंधित प्रकरण के पांचों अपराधियों को वन विभाग द्वारा पी.ओ.आर.जारी कर गिरफ्तार करते हुए न्यायिक रिमांड में जेल भेजा गया है।
इन 5 आरोपियों की हुई गिरफ्तारी
बाघ के शिकार का मामले में वन विभाग द्वारा गिरफ्तार किये गये 05 आरोपियों में सीताराम वल्द विद्याधर सिदार (उम्र 33 वर्ष), रामचरण वल्द जन्मजय बरिहा (उम्र 48 वर्ष), सहदेव वल्द सुवन बरिहा (उम्र 35 वर्ष), बंशीलाल वल्द कैतराम बरिहा (उम्र 63 वर्ष) ग्राम घोराघांटी, जिला सारंगढ़ बिलाईगढ़ के निवासी है तथा धनुराम उर्फ भुनेश्वर साहू वल्द विलाल साहू (उम्र 35 वर्ष) ग्राम सालर, जिला सारंगढ़ बिलाईगढ़ के निवासी है।
विभागीय कर्मचारियों की लापरवाही आई सामने
एक अन्य जानकारी के अनुसार गोमर्डा अभ्यारण्य के घने जंगल मे कई प्रकार के वन्यप्राणी विचरण करते हैं , वन विभाग की लापरवाही की वजह से इस क्षेत्र में शिकारियों के द्वारा एक लंबे अर्से से वन्यप्राणियों का अवैध तरीके से शिकार किया जाता रहा है। कुछेक मामलों में वन विभाग को सफलता मिलती जरूर है लेकिन इसके बावजूद यहां के जंगल मे अवैध रूप से शिकार जारी है। ऐसे में यह माना जा रहा है कि मौका मिलते ही जंगल में शिकारी करंट प्रवाहित तार बिछा देते हैं।