रायगढ़. छत्तीसगढ़ के बच्चों में भी प्रतियोगी परीक्षाओं के प्रति रुचि पैदा करने एवं उन्हें इस लायक बनाने की वे भी जेईई , नीट के एंट्रेंस एग्जाम पहले ही प्रयास में पास कर ले इस उद्देश्य के साथ उड़ीसा के बाद अब छत्तीसगढ़ में भी विकास ग्रुप ऑफ़ इंस्टीट्यूट ने अपना कदम रखा है। आपको बता दें कि रायगढ़ शहर का इंडियन स्कूल का नाम अब *विद्या विकास कॉन्सेप्ट स्कूल* हो गया है दरअसल विकास ग्रुप ने इंडियन स्कूल को पूरी तरह टेकओवर करते हुए स्कूल का नाम बदल दिया है साथ ही इस फैसले को सबसे पहले इंडियन स्कूल के अभिभावकों के साथ अभिभावक सम्मेलन में साझा किया गया इस परिचर्चा के दौरान अभिभावकों ने पुराने स्कूल की तुलना में नए स्कूल में किस तरह का परिवर्तन होगा इस बात पर खुलकर जवाब सवाल किए। जिनका जवाब देते हुए उन्हें संतुष्ट किया गया कि यह फैसला उनके बच्चों के उज्जवल भविष्य के हक में लिया गया है। इसके बाद पत्रकार वार्ता का भी आयोजन किया गया जिसमें विकास ग्रुप के मैनेजिंग डायरेक्टर जी. भास्कर राव एकैडमीक डायरेक्टर एवं आईआईटीयन जी. रामाकृष्णा एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर डी. नागेश्वर राव ,डायरेक्टर डॉ. पंडा एवम प्राचार्या प्रिया कपिल भी मौजूद रहीं। मैनेजिंग डायरेक्टर जी. भास्कर राव ने बताया कि वर्तमान समय में गुणवत्तापूर्ण एवं रोजगार परक शिक्षा के साथ ही बच्चों का सर्वांगीण व्यक्तित्व विकास करने की महती आवश्यकता है। अभी भी हमारे बच्चों को 10वीं एवं 12वीं के बाद आगे चलकर किस क्षेत्र में अपना भविष्य बनाना है यह पता नहीं होता है, तो कुछ युवा कॉलेज पढ़ने के बाद भी भटकाव की स्थिति में ही रहते हैं। छत्तीसगढ़ में भी देखा गया है कि अधिकतर युवा 10वीं एवं 12वीं के बाद दूसरे राज्यों में आगे की पढ़ाई के लिए चले जाते हैं इसे रोकने एवं अपने ही क्षेत्र को शिक्षा के दृष्टिकोण से उस मुकाम पर पहुंचाए कि दूसरे राज्यों से बच्चे हमारे यहां आकर अपनी पढ़ाई पूरी करें। इसी उद्देश्य को पूरा करने के लिए हमने उड़ीसा के बाद अब छत्तीसगढ़ में भी विकास ग्रुप की शाखा को आगे बढ़ाने का फैसला लिया है।
वर्तमान में लगभग 6 स्थानों में हमारे 22 से ज्यादा संस्थाएं संचालित हो रही हैं जिनमें 15000 से ज्यादा विद्यार्थी एवं 1500 से अधिक शिक्षक एवं फेकल्टी अपनी सेवाएं उपलब्ध करा रहे हैं। पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए विकास ग्रुप के एकैडमीक डायरेक्टर जी रामाकृष्णा ने बताया कि साल 2002 में शुरू हुआ विकास ग्रुप अब इस मुकाम पर पहुंच गया है जहां सीबीएसई बोर्ड में दसवीं और बारहवीं के बच्चों का रिजल्ट 100% तक आता है.. साथ ही 10वीं के बाद से ही बच्चों की नीट एवं जेईई मेंस की तैयारी भी शुरू करा दी जाती है ताकि 12वीं के बाद कोचिंग करने एवम तैयारी करने में उनका साल बर्बाद ना हो और वे पहले ही प्रयास में सफल होवे और अच्छे कॉलेजों में दाखिला ले सके। इसे आगे बढ़ाते हुए एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर डी. नागेश्वर राव ने बताया कि गत वर्ष हमारे स्कूल के जेईई , नीट की तैयारी करने वाले लगभग 67 बच्चों का चयन हुआ जिसमें से 29 बच्चों को शासकीय मेडिकल कॉलेजों में दाखिला मिला। यह हम सभी के लिए बेहद गर्व का विषय है।
ऐसा इसलिए संभव हुआ क्योंकि हमारे स्कूलों में जेईई, नीट को ध्यान में रखकर ही एनसीईआरटी के किताबों को पढ़ाया एवम उनका सिलेबस तैयार कराया जाता है हर रविवार को ऑब्जेक्टिव बेस्ड टेस्ट लिया जाता है जो उनके अंदर के परीक्षा भय को हटाता है साथ ही इस वर्ष भी हम सीबीएसई के नए गाइडलाइंस एवं नए शिक्षा नीति के अनुसार ही प्री प्राइमरी एवं प्राइमरी के बच्चों को शिक्षा प्रदान करने की तैयारी में है। पत्रकारों के फीस वृद्धि के सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने यह साफ किया कि अच्छे शिक्षकों के लिए उन्हें अच्छी सैलरी देनी पड़ती है, स्कूल के वातावरण का ध्यान रखा जाता है इन सभी आवश्यकताओं के लिए ही फीस में अंतर आता है, लेकिन इस वर्ष स्कूल के फीस में कोई बदलाव नहीं किया जा रहा है। सिवाय ग्यारहवीं के बच्चों के, क्योंकि उन्हें जेईई, नीट की तैयारी कराई जाएगी यह फैसला भी पूरी तरह से अभिभावकों पर ही निर्भर करता है। साथ ही उन्होंने यह भी साफ किया कि विकास ग्रुप के टेकओवर के बाद बच्चों के रिजल्ट और बार-बार शिक्षक बदले जाने जैसी सभी पुरानी परेशानियों से बच्चे एवम अभिभावकों को भी निजात मिलेगा और उन्होंने ये विश्वास दिलाया कि अब वो दिन दूर नही जब हमारे छत्तीसगढ़ बच्चे भी जेईई, नीट में टॉप करके देशभर में अपना एवं विकास ग्रुप का नाम रोशन करेंगे। हमें आशा है कि आने वाले साल में ही हम अपना यह सपना जरूर पूरा करेंगे।